मांगलिक दोष (Manglik Dosh) एक प्रमुख ज्योतिषीय दोष होता है जो तब बनता है जब मंगल ग्रह जन्म कुंडली के 1, 2, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित हो। यह दोष विवाह, दांपत्य जीवन और संतान से संबंधित बाधाओं का कारण बन सकता है।
इसे कुज दोष, अंगारक दोष या सेवयर मंगल दोष भी कहा जाता है। मांगलिक व्यक्ति का विवाह यदि गैर-मांगलिक से होता है तो वैवाहिक जीवन में क्लेश, अलगाव या कभी-कभी दुर्घटनाएं तक हो सकती हैं।
विवाह में देरी या बार-बार रिश्ता टूटना
वैवाहिक जीवन में झगड़े, तलाक या मानसिक तनाव
जीवनसाथी के स्वास्थ्य या जीवन पर संकट
वैवाहिक जीवन में असंतोष, एकाकीपन या असफलता
संतान प्राप्ति में बाधा
दुर्घटनाएं, ऑपरेशन, या आग से संबंधित घटनाएं
वैवाहिक जीवन को सुखी और स्थिर बनाने के लिए
मांगलिक दोष को शांत कर ग्रहों की स्थिति संतुलित करने के लिए
शुभ विवाह के योग बनाने हेतु
दांपत्य जीवन में प्रेम और सहयोग बढ़ाने के लिए
जन्म कुंडली में मंगल के प्रभाव को शुभ बनाकर सफलता प्राप्त करने हेतु
कुंभ विवाह / वृक्ष विवाह / मूर्ति विवाह:
मांगलिक व्यक्ति को पहले एक पीपल के वृक्ष, तुलसी, चांदी की मूर्ति या माटी के घड़े से प्रतीकात्मक विवाह कराया जाता है। इससे दोष शांत होता है।
मंगल शांति पूजा:
मंगल ग्रह की पूजा, हवन और मंत्र जाप से दोष कम होता है।
हनुमानजी की उपासना:
मंगलवार को हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें।
बजरंग बाण या “ॐ हनुमते नमः” का जाप करें।
गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय जाप:
मानसिक शांति एवं ग्रह शांति हेतु यह उपाय लाभकारी है।
रत्न धारण:
कभी-कभी पंडित की सलाह से मूंगा (लाल मूंगा रत्न) पहना जा सकता है, लेकिन सावधानी जरूरी है।
मंगलवार का व्रत:
मंगलवार को उपवास, लाल वस्त्र, लाल चंदन और लाल फूल का प्रयोग करें।
पूजा के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें
पंडित द्वारा अपना नाम, गोत्र, जन्म विवरण लेकर संकल्प लें
मंगल यंत्र स्थापित करें
हनुमानजी, मंगल देव की प्रतिमा या चित्र रखें
दीप, धूप, लाल फूल, लाल चंदन, गुड़, गेहूं आदि रखें
चरण |
विवरण |
|---|---|
| मंगल बीज मंत्र | “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” (11,000 बार या कम से कम 108 बार) |
| हनुमान चालीसा | मंगलवार को विशेष रूप से पढ़ें |
| हवन | घी, तिल, गुड़, चावल, चंदन से आहुति दें |
लाल वस्त्र, मूंगा, मसूर दाल, गुड़, तांबे के बर्तन, दक्षिणा ब्राह्मण को दें।
आरती करें और प्रसाद बांटें
मंगल ग्रह की कृपा हेतु हर मंगलवार को यह उपाय करते रहें
कुछ स्थितियों में मांगलिक दोष प्रभावहीन हो सकता है:
अगर दोनों पति-पत्नी मांगलिक हों
मंगल की दृष्टि शुभ ग्रहों पर हो
गुरु या चंद्र से मंगल का संबंध हो
मंगल उच्च राशि (मकर) में हो
पंचम या नवम दृष्टि में शुभ ग्रह हों
मांगलिक जातकों में नेतृत्व क्षमता अधिक होती है
साहस, आत्मबल, और पराक्रम मजबूत होता है
सेना, पुलिस, खेल और राजनीति में सफलता की संभावना अधिक होती है
ऊर्जा से भरपूर व्यक्तित्व
मांगलिक दोष एक गंभीर ज्योतिषीय विषय है लेकिन यह भय का विषय नहीं है। यदि इसका सही निवारण और पूजा विधि से समाधान किया जाए, तो जीवन में शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं। योग्य पंडित की सलाह लेकर पूजा करना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।